Ticker

6/recent/ticker-posts

वर्णिका भाग 2 कक्षा 10 पाठ – 4 नगर कहानी Nagar Kahani Subjective Question Matric Exam 2024

 वर्णिका भाग 2 कक्षा 10 पाठ – 4  नगर कहानी Nagar Kahani Subjective Question Matric Exam 2024

 1 लेखक ने कहानी का शीर्षक नगर क्यों रखा? शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट करें? 
उत्तर:- प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ्यपुस्तक वर्णिका भाग 2 से लिया गया है पाठ का नाम नगर और लेखक का नाम सुजाता है। लेखक बहुत सोच - समझ कर पाठ का नाम "नगर "रखा है। 
नगर का रहन - सहन पढ़ाई लिखाई भागमदौड़ के बारे में कोई अनपढ़ व्यक्ति अपना काम सही तरीके से नहीं करवा सकता है।
 यहां एक दूसरे का  सुनने वाला कम है।
सभी लोग व्यस्त  रहते हैं।
यही बात वल्लि अम्माल के साथ हुआ।
 पूछताछ  करने से डरती रही ,पढ़ना न आने के कारण किसी का बात समझ में नहीं आती थी और अंत में बिना इलाज के लौटना पड़ा।


2 पाप्पाति कौन थी और वह शहर क्यों लायी गयी थी ?

उत्तर- प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ्यपुस्तक वर्णिका भाग 2 से लिया गया है पाठ का नाम नगर और लेखक का नाम सुजाता है। लेखक बहुत सोच - समझ कर पाठ का नाम "नगर "रखा है।पाप्पाति वल्लि अम्माल की पुत्री थी  उसकी उम्र 12 वर्ष की थी  उसे बुखार था, और गाँव के प्राइमरी हेल्थ सेन्टर के डॉक्टर के कथनानुसार मदुरै शहर के बड़े अस्पताल में चिकित्सा के लिए लायी गयी थी।


3 बड़े डॉक्टर ने अपने अधीनस्थ डॉक्टरों से पाप्पाति को अस्पताल में भर्ती कर लेने के लिए क्यों कहा ? विचार करें।

उत्तर-  प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ्यपुस्तक वर्णिका भाग 2 से लिया गया है पाठ का नाम नगर और लेखक का नाम सुजाता है। लेखक बहुत सोच - समझ कर पाठ का नाम "नगर "रखा है।बड़े डॉक्टर को समझ में आया कि पाप्पाति को मेनिनजाइटिस है।मदुरै अस्पताल के बड़े डॉक्टर ने पाप्पाति की अच्छी तरह परीक्षा करने से के बाद ‘एक्यूट केस ऑफ मेनिनजाइटिस’ रोग निर्णय किया, जो खतरनाक था। अतः  वे भर्ती लेने को कहा  साथ-साथ दवाईयों  का प्रयोग भी करना चाहते थे।


4 बड़े डॉक्टर के आदेश के बावजूद पाप्पाति अस्पताल में भर्ती क्यों नहीं हो पाती?

उत्तर –प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ्यपुस्तक वर्णिका भाग 2 से लिया गया है

पाठ का नाम नगर और लेखक का नाम सुजाता है। 

लेखक बहुत सोच - समझ कर पाठ का नाम "नगर "रखा है। अस्पताल में जगह नहीं थी। साधारण मरीज समझ लोगों ने उसे भर्ती नहीं लिया।बड़े डॉक्टर ने पाप्पाति का रोग देखा । उसका परीक्षण कर एक्यूट केस ऑफ मेनिनजाइटिस कहा। माँ अशिक्षित नारी थी। वह न तो अस्पताल की प्रक्रिया जानती थी और न किसी से पूछने की हिम्मत ही कर सकी। वल्लि अम्माल का दिन भर का समय इधर-उधर दौड़ने में बीत गया और हार कर वह गाँव लौट गयी। यही कारण है कि बड़े डॉक्टर के आदेश के बावजूद पाप्पाति अस्पताल में भर्ती न हो सकी।



5 वल्लि अम्माल का चरित्र-चित्रण करें।

उत्तर – प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ्यपुस्तक वर्णिका भाग 2 से लिया गया है पाठ का नाम नगर और लेखक का नाम सुजाता है। लेखक बहुत सोच - समझ कर पाठ का नाम "नगर "रखा है । वल्लि अम्माल गांव  की रहने वाली सीधी - साधी औरत है।इस कहानी की प्रधान पात्र है। वह पूर्ण अशिक्षित और देहाती वातावरण में रहने के कारण मुखर भी नहीं थी। वह पुराने देहात की, पुराने रिवाज में पली नारी थी। उसे अस्पताल का दौड़ और दवाओं का गंध भी असह्य था। उसे गाँव के अधकचरे झोला छाप वैद्य, डॉक्टरों, ओझाओं और देवी-देवताओं पर विश्वास था। वह शहरी वातावरण से अनभिज्ञ अशिक्षित और डरपोक प्राचीन भारतीय नारी थी। उसे भगवान पर विश्वास था। 

 6 कहानी का सारांश प्रस्तुत करें। 

उत्तर :-  प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ्यपुस्तक वर्णिका भाग 2 से लिया गया है पाठ का नाम नगर और लेखक का नाम सुजाता है। लेखक बहुत सोच - समझ कर पाठ का नाम "नगर "रखा है।हानी ‘नगर’ व्यंग्य प्रधान कहानी है। इसमें कहानीकार ने नगरीय अव्यवस्था पर कटाक्ष किया है कि किस प्रकार ग्रामीण भोली-भाली जनता के साथ नगर में उपेक्षा एवं बदसलूकी होती है। यह कहानी एक ऐसी लड़की से संबंधित है, जो आज ही मदुरै आई है। उसकी माँ वल्लि अम्माल अपनी पुत्री पाप्पाति के साथ मदुरै स्थित बड़े अस्पताल के बहिरंग रोगी विभाग के बाहर बरामदे पर बैठी प्रतीक्षा कर रही थी। उसकी पुत्री को बुखार था। करीब डेढ़ घंटे तक अपनी बेटी को छोड़ इधर-उधर भटक रही थी। उसका विश्वास टूट जाता है। 


New education point 

Vikram kumar