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विष के दांत Vish Ke Dant पाठ-2 Class 10th Hindi Subjective Question Vish Ke Dant Question Answer विष के दांत Matric Exam 2024

विष के दांत  Vish Ke Dant पाठ-2 Class 10th Hindi Subjective Question Vish Ke Dant Question Answer विष के दांत Matric Exam 2024


पाठ का नाम=  2 विष के दांत
  1. कहानी के शीर्षक का सार्थकता स्पष्ट कीजिये 

उत्तर :  प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ्य- पुस्तक गोधूलि भाग- 2 से लिया गया है लेखक का नाम  नलिन विलोचन शर्मा और पाठ का नाम विष के दांत को लेकर कहानीकार नलिन जी रचित “ विष के दांत “ शीर्षक कहानी का शीर्षक सार्थक है । सांप के दांतों में दो विष के दांत होते है । यदि वह दांत टूट जाता है तो वह सांप विषहीन हो जाता है ।  सेन साहब का खोखा सांप की तरह ही विषैला था l वह अपने सामने किसी को कुछ नहीं समझता था । किसी पर भी रोंब जमा देता  किसी की भी पिटाई कर देता था  सांप की भांति फुफकारने वाला सेन साहब का वह पुत्र काशु मदन से मार ऐसा खाया की – पुन: वह गली में आकर किसी पर फुफकार भी नहीं सकता  मानो उसके विष के दांत ही मदन ने तोड़ डाले हों 

  1. सेन साहब के परिवार में बच्चों के पालन – पोषण में किये जा रहे लिंग आधारित भेद – भाव का अपने शब्दों में वर्णन कीजिये      

उत्तर : प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ्य- पुस्तक गोधूलि भाग- 2 से लिया गया है लेखक का नाम  नलिन विलोचन शर्मा और पाठ का नाम विष के दांत को लेकर सेन साहब के परिवार में पांच बेटी और एक बेटा है  सेन साहब पत्नी सहित बेटा को अधिक प्यार करते हैं  अगर कोई गलती भी बेटा कर देता तो उनको आनंद आता था  क्यों नहीं आनंद आता बेटा को भविष्य में इंजीनियर बनाने का दिवास्वप्न जो देख रहे थे परन्तु बेटी तो मानो उनके हाथो की कठपुतली हो  हरेक समय माता – पिता की आज्ञा के पालन में तत्पर रहा करती थी सभ्य और सुशील बेटी प्रति सेन दम्पति का उतना प्यार नहीं दीखता जैसा कि बेटा  के प्रति l सभ्य और सुशील की प्रतिमूर्ति वह बेटियां भी कुछ बन सकती हैं वह दिल में उम्मीद भी नहीं रखते थे  खान – पान में भी काशू जो चाहता तुरंत हाजिर हो जाता  परन्तु बेटियों के लिए नहीं इससे स्पष्ट है कि – सेन परिवार में बच्चों के पालन - पोषण में लिंग के आधार पर भेदभाव किये जाते थे 

  1. खोखा किन मामलों में अपवाद था ?

उत्तर : प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ्य- पुस्तक गोधूलि भाग- 2 से लिया गया है लेखक का नाम  नलिन विलोचन शर्मा और पाठ का नाम विष के दांत को लेकर खोखा जीवन के नियम और घर के नियमों के मामले में अपवाद था 

  1. सेन दम्पति खोखा में कैसी सम्भावानाएँ देखते थे और उन संभावानाओं के लिए उन्होंने उसकी कैसी शिक्षा तय की थी ?

उत्तर :  प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ्य- पुस्तक गोधूलि भाग- 2 से लिया गया है लेखक का नाम  नलिन विलोचन शर्मा और पाठ का नाम विष के दांत को लेकर सेन दम्पति अपने खोखा के दुर्लालित व्यवहार से एवं उसके तोड़ – फोड़ की हरकतों से इंजिनियर बनने की संभावानाएं देखते थे  उन संभावानाओं के लिए उन्होंने उसकी शिक्षा के लिए बढई मिस्त्री को बुलाकर ठोक – ठाक सिखाने के लिए तय किया था  

  1. सप्रसंग व्याख्या कीजिये – 

  1. लड़कियां क्या हैं , कठपुतलियां हैं और उनके माता – पिता को इस बात का गर्व है

उत्तर : प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ्य- पुस्तक गोधूलि भाग- 2 से लिया गया है लेखक का नाम  नलिन विलोचन शर्मा और पाठ का नाम विष के दांत से लिया गया है 

                    कहानी प्रसंग में कहानीकार ने सेन दम्पति को पांचो लड़कियों अत्यंत सुशील , सभ्य और अनुशान्सित है  इस बात की संपुष्टि में उक्त पंक्ति लिखते हुए कहा है कि—“ लडकियां क्या हैं , कठपुतलियां हैं और उनके माता – पिता को इस बात पर गर्व है 

                       अर्थात पांचो लड़कियों माता – पिता के कथनानुसार और इशारे पर चलने वाली हैं  पांचो बच्ची पर सेन दम्पति को गर्व है 

  1.  खोखा के दुर्लालित स्वभाव के अनुसार ही सेनों ने सिद्धान्तों को भी बदल लिया था

उत्तर : प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ्य- पुस्तक गोधूलि भाग- 2 से लिया गया है लेखक का नाम  नलिन विलोचन शर्मा और पाठ का नाम विष के दांत से लिया गया है 

                        कहानी प्रसंग में कहानीकार ने सेन दम्पति के लाड़ – प्यार से बिगड़ा हुआ एकमात्र पुत्र के पक्ष में कहा है जिसे सेन दम्पति उसे इंजिनियर बनाना चाहते थे , जिसका कारण था कि खोखा तोड़ – फोड़ में अधिक आनंद पाटा था इसलिए “ खोखा के दुर्लालित स्वभाव के अनुसार ही सेनों ने सिद्धांतों की भी बदल लिया था 

  1. ऐसे ही लड़के आगे चलकर गुंडे , चोर और डाकू बनते हैं l 

उत्तर प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ्य- पुस्तक गोधूलि भाग- 2 से लिया गया है लेखक का नाम  नलिन विलोचन शर्मा और पाठ का नाम विष के दांत से लिया गया है 

                        कहानी प्रसंग में जब मदन सेन साहब की गारी छूना चाह रहा था तब ड्राईवर और मदन की माँ में कुछ बकझक सुनकर सेन साहब घर से निकलकर मदन की माँ को तो मदन को ले जाने के लिए कह ही दिया इससे उनका गुस्सा शांत नहीं हुआ तो मदन के पिता गिरधर लाल को बुलवाकर कहा – देखो गिरधर मदन आजकल बहुत शौख हो गया l गारी भी गंदा किया , साथ – साथ ड्राईवर को भी मारने दौरा  “ ऐसे ही लड़के आगे चलकर गुंडे , चोर और डाकू बनते हैं 

                       अर्थात तुम्हारा बेटा दुलार से दूषित हो गया है  आगे चलकर चोर , डकैत , गुंडा बन जाएगा  यहाँ पर सेन साहब को अपना गिरवान नहीं दिखता केवल दुसरो को झांकते हैं  याहन पर यह भी कहा जा सकता है कि – अपने चेहरा पर लगे कालिख किसी को नजर नहीं आता है लेकिन दुसरे के चेहरे पर लगा कालिख जल्दी नजर आ जाता है 

  1. हंस कौओं की जमानत में शामिल होने के लिए ललक गया 

उत्तर : प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ्य- पुस्तक गोधूलि भाग- 2 से लिया गया है लेखक का नाम  नलिन विलोचन शर्मा और पाठ का नाम विष के दांत से लिया गया है

                      कहानी के सन्दर्भ में मदन गली के बच्चों के साथ लट्टू नाचा रहा है सेन साहब का खोखा भी वहाँ आ गया लट्टू को नाचते देख उसका भी तबियत नचाने के लिए मचल गयी  यहाँ पर कहानीकार ने काशू को हंस और मदन सहित साथियों को कौओं का झुण्ड की उपमा देकर व्यंगात्मक दृष्टी से कहा – हंस कौओं की जमानत में शामिल होने के लिए ललक गया 

  1. सेन साहब के और उनके मित्रों के बीच क्या बातचित हुई और पत्रकार मित्र ने उन्हें किस तरह उत्तर दिया ?

उत्तर : प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ्य- पुस्तक गोधूलि भाग- 2 से लिया गया है लेखक का नाम  नलिन विलोचन शर्मा और पाठ का नाम विष के दांत को लेकर सेन साहब के ड्राइंग रूम में सेन साहब के कुछ मित्रगन के साथ – साथ एक पत्रकार मित्र भी उपस्थित थे  सभी परस्पर बातचीत कर रहे थे कि – किसका बेटा क्या कर रहा है , आगे क्या पढ़ेगा  सेन साहब तो बिना पूछे ही अपने खोखा को इंजिनियर बनाने की बात कह डाली  जब पत्रकार मित्र से पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया –  “ मैं चाहता हूँ मेरा बेटा जेंटलमैन जरुर बने और जो कुछ बने , उसका काम है , उसे पूरी आजादी रहेगी 

  1. मदन और ड्राईवर के बीच के विवाद के द्वारा कहानीकार क्या बाताना चाहता है ?

उत्तर : प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ्य- पुस्तक गोधूलि भाग- 2 से लिया गया है लेखक का नाम  नलिन विलोचन शर्मा और पाठ का नाम विष के दांत को लेकर मदन और ड्राईवर के बीच का विवाद के माध्यम से कहानीकार यह बताना चाहता है कि – जनसाधारण भी वैसा ही बन जाता जैसा कि उसकी संगती होता है  ड्राईवर सेन साहब का नमक खाता है इसलिए सेन साहब के बेटे की बदमाशी की ओर नजर – अंदाज कर देता है लेकिन एक दूसरा बच्चा को यदि गारी छूने की ललक हो तो उसको धकेल दिया जाता है , उलटे उस पर गलत आरोप लगा देता है l 

  1. काशू और मदन के बीच झगड़े का क्या कारण था ? इस प्रसंग के द्वारा लेखक क्या दीखाना चाहता है ?

उत्तर : प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ्य- पुस्तक गोधूलि भाग- 2 से लिया गया है लेखक का नाम  नलिन विलोचन शर्मा और पाठ का नाम विष के दांत को लेकर  काशू और मदन के बीच झगड़ें का कारण मात्र बाल हट्ठ था  यदि मदन को काशू की गाड़ी को स्पर्श करने का भी अधिकार नहीं था तो काशू को मदन का लट्टू भी नचाने का अधिकार नहीं  लेकिन काशू रौब दिखाकर लट्टू नचाना चाहता है जो मदन के विचार से गलत था  फिर भी मदन की प्रतिशोध की भवना ने झगड़े का रूप ले लिया  इस प्रसंग के द्वारा कहानीकार यह दर्शाना चाहते हैं कि – बच्चों में भी प्रतिशोध की भावना जगती है बच्चा में यह ज्ञान नहीं होता कि कोई बच्चा बड़े बाप का बेटा है , मैं गरीब बाप का बेटा हूँ  जिओ बच्चो का स्वाभाविक है 

    9  “महल और झोपड़ी वालो की लड़ाई में अक्सर महल वाले ही जीतते हैं , पर उसी हालत में जब दुसरे झोपड़ी वाले उनकी मदद अपने ही खिलाफ करते हैं “ लेखक के इस कथन को कहानी से एक उदहारण देकर पुष्टि कीजिये  

उत्तर : प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ्य- पुस्तक गोधूलि भाग- 2 से लिया गया है लेखक का नाम  नलिन विलोचन शर्मा और पाठ का नाम विष के दांत को लेकर  महल और झोपड़ी वालो में लड़ाई अर्थात काशू और मदन की लड़ाई में मदन के अन्य मित्रों ने काशू की मदद नहीं की   परिणाम काशू (महल वाला ) हारता है  यदि मदन के मित्र बालक काशू को मदद करता तो काशू ही जीतता  प्रत्य: यही देखा गया है की झोपड़ी में रहने वाले लोग अपने ही खिलाफ आवाज लगाते हैं परिणाम झोपड़ी वाला पराजित हो जाता है  

  1.  रोज – रोज अपने बेटे मदन की पिटाई करने वाला गिरधर मदन द्वारा काशू की पिटाई करने पर उसे दंड करने के बजाय अपनी छाती से क्यों लगा लेता है ? 

उत्तर :  प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ्य- पुस्तक गोधूलि भाग- 2 से लिया गया है लेखक का नाम  नलिन विलोचन शर्मा और पाठ का नाम विष के दांत को लेकर रोज – रोज बेटे मदन की पिटाई करने वाला गिरधर मदन द्वारा काशू की पिटाई करने पर दण्डित नहीं किया बल्कि उसको अपने छाती से लगा लिया क्योकि सेन साहब ने गिरधर को बेवजह नौकरी से निकाला , घर खाली करने का आदेश दिया जो जो गिरधर के साथ अन्याय था गलती काशू ने किया , दंड काशू को मिला सेन साहब ने गिरधर के साथ जो अन्याय किया , उसका दंड सेन साहब को मिलना चाहिए था गिरधर सेन साहब को दण्डित कर सकता था  लेकिन वह ऐसा नहीं कर सका  लेकिन उसका बेटा मदन काशू को दण्डित कर उचित कार्य किया  इसलिए वह अपने बेटे मदन को छाती से लगाकर उचित कार्य के लिए सराहना करता है और ख़ुशी जाहिर करता है 

   11 सेन साहब , मदन , काशू और गिरधर का चरित्र चित्रण करें 

उत्तर :  सेन साहब :-    सेन साहब एक बिजनेसमेन हैं  आर्थिक दृष्टिकोण से संपन्न हैं  महत्वाकांछी हैं संभावना को संयोगने वाले हैं  इसलिए अपने दुर्दमनीय पुत्र में इंजिनियर होने की संभावना करते हैं  उनकी पुत्रियाँ सभ्य , सुशील और काएदे से काम करने वाली हैं परन्तु उसकी शिक्षा – दीक्षा की चर्चा कभी नहीं करते  इससे स्पष्ट होता है कि सेन साहब पुत्र पुत्री में भेद मानते हैं जो उचित नहीं है  सेन साहब को धन का अहंकार है इसलिए तो निर्दोष गिरधर को नौकरी से निकाल देते हैं इससे स्पष्ट होता है कि एन साहब अहम भाव के कारण अपनी सूझ – बुझ भी खो बैठेते हैं 

           मदन :-          मदन एक गरीब बाप का बेटा है लेकिन सामान्य बालक की तरह उसमे भी मनस्विता है  इसलिए तो वह सेन साहब के ड्राईवर की ओर बार – बार मारने के लिए झपटता है  सामान्य बालक की तरह ही उसमे भी ईर्ष्या , द्वेष और बदले की भावना जगती है इसलिए उसने सेन साहब के खोखा को भी पीट देता है  इससे यह भी स्पष्ट होता कि मदन स्वाभिमानी भी है 

          काशू :-  काशू सेन साहब का इकलौता बेटा है l सेन साहब के दुलार में वह इतना बिगड़ जाता है कि मदन से लट्टू नचाने के लिए रौव से मांगता है पिता की तरह ही उसमे अहम् का भाव पनप जाता है  वह नटखट भी है जिसके कारण उसे तोड़ – फोर में अधिक मन लगता है  उसमे स्वाभिमानी भी है इसलिए तो वह मदन के साथ लट्टू नहीं देने पर उलझ जाता है 

        गिरधर :- गिरधर एक मध्यवर्गीय आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति है  वह इमानदार , वफादार कर्मचारी है मालिक के गलत निर्णय को भी आसानी से स्वीकार लेता है कि गिरधर वर्तमान को भी आधार मानता है क्योकि सामान्य पिता की तरह पुत्र मदन को दंड भी देता है लेकिन नौकरी छूटने के बाद उसी पुत्र को गले भी लगाता है  वह एक सफल गृहष्थ धर्म का पालन भी करता है क्योकि विषम परिस्थिती में भी घबराता हुआ नहीं दिखता दाम्पत्य जीवन में भी गिरधर समरसता ही कायम रखता है 

     12 आपकी दृष्टी में कहानी का नायक कौन है ? तर्कपूर्ण उत्तर दें 

उत्तर : प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ्य- पुस्तक गोधूलि भाग- 2 से लिया गया है लेखक का नाम  नलिन विलोचन शर्मा और पाठ का नाम विष के दांत को लेकर हमारी दृष्टी से कहानी का नायक काशू है क्योकि सेन दम्पति काशू के प्रति संभावनाए को संयोजे हैं  काशू के दुर्लालैत भाव के कारण ही सेन साहब की गाड़ी की बत्ती टूटती है , सेन मित्रो के गाड़ी की हवा निकाली जाती है काशू के कारण ही निर्दोष गिरधर की नौकरी समाप्त हुई काशू के दुर्दमनिय स्वभाव के कारण ही सेन साहब को मित्रों के बिच मन मसोस कर रह जाता है तथा काशू के लाड – प्यार के सामने सेन साहब की पुत्रियाँ कुछ नहीं हैं  काशू के दांत भी टूटते हैं जिसे “ विष के दांत “ की संज्ञा दी गयी है 

   13 आरम्भ से ही कहानीकार का स्वर व्यंगपूर्ण है  ऐसे कुछ प्रमाण उपस्थित करें 

उत्तर :  प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ्य- पुस्तक गोधूलि भाग- 2 से लिया गया है लेखक का नाम  नलिन विलोचन शर्मा और पाठ का नाम विष के दांत को लेकर आरम्भ से कहानीकार का स्वर व्यंगपूर्ण है इसके प्रमाण में कहानीकार की उक्ति गाड़ी के पक्ष में “ जैसे कोयल घोंसले  से कब उड़ जाए  “ सेन साहब की पुत्रियों के प्रति व्यंगपूर्ण उक्ति में कहानीकार ने कहा है कि --- “ वे ऐसी मुस्कराहट अपने होंठो पर ला सकती हैं कि सोसाइटी की तारिकाएँ भी उनसे कुछ सीखना चाहें तो सीख लें 

                          कहानी में वहाँ भी कहानीकार की उक्ति ----  हंस कौओं की जमात में शामिल होने के लिए ललक गया  इत्यादि 

   14 विष के दांत शीर्षक कहानी का सारांश लिखें ।


उत्तर :  प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ्य- पुस्तक गोधूलि भाग- 2 से लिया गया है लेखक का नाम  नलिन विलोचन शर्मा और पाठ का नाम विष के दांत को लेकर सेन साहब के बंगले पर नई मॉडल की कार आई है सैन साध्य को चमचमाती अपनी कार पर नाज है  किसकी मजाल कि --- गाड़ी के पास कोई जाए 

                      सेन साहब को पाँच लडकियाँ सुशील एवं सभ्य दिखती थी  कहीं भी कभी भी तोड़ – फोड़ में उन सबों की हिस्सेदारी नहीं रहती थी परन्तु सेन साहब का बेटा अत्यंत नटखट और सेन साहब दुलार से बिगड़ा हुआ था सेन साहब अपने बेटा को इंजिनियर बनाना चाहते थे जो उनके महत्वाकान्छा का दिवास्वप्न जैसा ही था  क्योकि बेटा कुछ तोड़ फोड़ करता तो उनको लगता था मानो मेरा बेटा कुछ अनुसंधान कर रहा है  काशू नाम का वह उद्दंड बच्चा कभी गाड़ी की बत्ती फोड़ देता तो कभी चक्के की हवा निकाल देता लेकिन सेन साहब के लिए आनंद की बात होती   

                      दूसरी तरफ गिरधर उनकी फैक्ट्री का किरानी है जों अपने परिवार के साथ फैक्ट्री के अहाते में एक कोने में रह रहा था  गिरधर का पाँच वर्षीय बेटा मदन ने जब कार को देखा तो उसकी लालसा हुई होगी छूने की जो बाल - सुलभ है  छूने जा ही रहा था कि – ड्राईवर ने मना किया , उसे डाँटकर भगाना चाहा , उसी बीच मदन की माँ भी आ जाती है ड्राईवर और मदन की माँ के बीच बहस सुनकर सेन साहब भी बहार आ गए ड्राईवर ने कहा – यह लड़का बार – बार गाड़ी की ओर बढ़ने का प्रयास कर रहा था मैंने हटा दिया तो यह औरत आकर मुझसे लड़ रही है 

                      उसी दिन की एक घटना घाट गई – काशू अपने बँगले से निकल सड़क पर लट्टू नचती लड़कों से लट्टू नचाने के लिए माँगता है लड़कों का सरदार मदन है काशू और मदन के बीच द्वंदु छिड़ता है l काशू मार खा जाता है जिससे दो दांत तित जाते हैं  मदन रात आठ – नौ बजे पीछे के दरवाजे से घर में घुसा  पहले रसोई में जाकर भरपेट खाना खाया फिर माता – पिता के परस्पर होते बात को सुनने लगा जिससे पता चला कि – पिताजी को फैक्ट्री से छुट्टी मिल गई , मकान भी कल ही खाली करना था मदन के बारे में कोई बात नहीं हो रही थी मदन समझ गया कि पिताजी हमारे ऊपर गुस्सा में नहीं हैं  वह दबे पाँव सोने चला कि पैर से बर्तन टकरा गया आहट पाकर गिरधर कमरे से बाहर आकर मदन को देख उठाकर मदन को शाबाशी देते हुए कहते हैं , “ शाबाश बेटा ! एक तेरा बाप है और तूने तो वे खोखा के दो – दो दांत तोड़ डाले  हा – हा , हा – हा 

पाठ के आस – पास : 

  1. एक साहित्यकार के रूप में नलिन विलोचन शर्मा के बारे में अपने शिक्षक से जानकारी लें 

उत्तर :  प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ्य- पुस्तक गोधूलि भाग- 2 से लिया गया है लेखक का नाम  नलिन विलोचन शर्मा और पाठ का नाम विष के दांत को लेकर नलिन विलोचन शर्मा एक महान साहित्यकार हैं वे हिंदी साहित्य में आलोचक और प्रवर्तक के रूप में स्थान प्राप्त किया है  साहित्य छेत्र में “ दृष्टिकोण “ , साहित्य का इतिहास दर्शन “ “मान दंड “ आलोचनात्मक ग्रंथो में – साहित्य तत्व और आलोचना  कहानी में --- “विष के दांत” आदि सत्रह कहानियाँ का “ कहानी संग्रह “ “ हिंदी उपन्यास – विशेषत: प्रेमचंद “ “सदल मिश्र ग्रंथावली “ , “ अयोध्या प्रसाद खत्री स्मारक ग्रन्थ “ “ संत परम्परा और साहित्य “ 

                     “ नकेन के प्रपध “ और “ नकेन- दो “ इत्यादि अनेक ग्रंथो से हिंदी भण्डार को भरने का काम किया 

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