बिहार बोर्ड कक्षा 10th हिंदी मेरे बिना तुम प्रभु प्रश्र उत्तर व्याख्या सहिंत संपूर्ण।
पाठ 12 गोधूली भाग 2 कविता मेरे बिना तुम प्रभु
कवि परिचय:-
कविता का परिचय:- यह कविता महान जर्मन कवि रेनर मारिया रिल्के द्वारा रचित कविता का हिंदी कवि "धर्मवीर भारती" द्वारा भाषांतरित कविता संकलन "देशांतर " से उद्धत किया गया है।
इस कविता में कवि ने भगवान के अस्तित्व भक्त पर स्थापित करते हुए कार्य की बिना भक्त भगवान निरुपया होते अर्थात भगवान भक्ति पर निर्भर है।
कविता का भावार्थ:- हे प्रभु जब मेरा भक्त का अस्तित्व नहीं रहेगा तो तुम क्या करोगे ?
मैं तुम्हारा जलपात्र टूटकर बिखर जाऊंगा अथवा मैं तुम्हारी मदिरा सुख जाऊंगा स्वाधीन हो जाऊंगा तो तुम क्या करोगे ।
हे प्रभु मैं तुम्हारा वेश हूं आधार हूं तुम्हारी वृति हूं।
मुझे खोकर तुम अपना अर्थ ही को बैठेग हे प्रभु मेरे बिना तुम गृहहीन निवास और स्वागत विहीन हो जाओगे।
मैं तुम्हारी पादुका खड़ाऊ।
हूं मेरे बिना तुम्हारे चरणों की छाले पड़ जाएंगे वे लहूलुहान होकर फटेंगे हे प्रभु तुम्हारा शानदार लबादा
चोंग उतर जाएगा मेरे बिना।
हे प्रभु तुम्हारी कृपा दृष्टि तो कभी मेरे कपालो और लालटे के नर्म शय्या विछोना पर विश्राम करती थी निराश होकर वह सुख खोजेगी दूर की चट्टानों की ठंडी गोद में सूर्यास्त के रंग धुलने का सुख जो मैं देता था वह कहां मिलेगा हे प्रभु मुझे आशंका होती है मेरे बिना तुम क्या करोगे।
1 कभी अपने को जलपात्र और मदिरा क्यों कहता है?
उत्तर:- प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ पुस्तक गोधूलि भाग 2 से लिया गया है पाठ का नाम मेरे बिना तुम प्रभु और लेखक का नाम रेनिन मारिया रिल्के है।
जैसे जलपात्र के बिना जल बिखर जाता हैं । व प्याला का मदिरा सूख जाती है।
प्याला अस्तित्वहीन हो जाता है ।
उसी प्रकार भक्ति के बिना भगवान बिखर जाते हैं अथवा अस्तित्वविहीन हो जाते हैं यहां पर जलपात्र और मदिरा का प्रयोग भक्ति के लिए हुआ है कवि भी भगवान का भक्ति हैं।
अत :अपने को जलपात्र और मदिरा कहता है।
2 आशय स्पष्ट कीजिए
“मैं तुम्हारा वेश हूँ, तुम्हारी वृत्ति हूँ
मुझे खोकर तुम अपना अर्थ खो बैठोगे ?”उत्तर:- प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ पुस्तक गोधूलि भाग 2 से लिया गया है पाठ का नाम मेरे बिना तुम प्रभु और लेखक का नाम रेनिन मारिया रिल्के है भगवान का आधार भक्ति होता है ईश्वर की वृती भी
भक्त जैसी होती है अगर ईश्वर भक्ति को खो दे तो भगवान का अर्थ कुछ रहेगा ही नहीं ।
अर्थात भगवान भक्त की सत्ता पर ही निर्भर करते हैं।
3 शानदार लबादा किसका गिर जायेगा और क्यों?
उत्तर:- प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ पुस्तक गोधूलि भाग 2 से लिया गया है पाठ का नाम मेरे बिना तुम प्रभु और लेखक का नाम रेनिन मारिया रिल्के हैं। शानदार लबादा ईश्वर का गिर जाएगा क्योंकि भक्ति के नहीं रहने पर ईश्वरत्व ही समाप्त हो जाएगा अर्थात भगवान का अस्तित्व की रक्षा भक्ति करते हैं यही कवि कहना चाहते हैं। इस कवि में।
4 कवि किसको कैसा सुख देता था?
उत्तर:- प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ पुस्तक गोधूलि भाग 2 से लिया गया है पाठ का नाम मेरे बिना तुम प्रभु और लेखक का नाम रेनिन मारिया रिल्के है कवि ईश्वर की कृपा दृष्टि को अपने कपोल रूपी नर्म शय्या पर विश्राम देखकर तथा दूर चट्टानों की ठंडी गोद में सूर्यास्त के रंगों में घुलने का सुख देता था।
5 कवि को किस बात की आशंका है स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:- प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ पुस्तक गोधूलि भाग 2 से लिया गया है पाठ का नाम मेरे बिना तुम प्रभु और लेखक का नाम रेनिन मारिया रिल्के है
कवि को इस बात के अशंका है कि वह भक्त के बिना क्या कर पाएगा क्योंकि भक्त के बिना ईश्वर वेशहीन , वृतिहीन , गृहहीन स्वागत - विहीन और सुखहीन हो जाएगा यह भक्ति के बिना कहां और क्या-क्या कर सकते हैं ।
6 कविता किसके द्वारा संबोधित है आप क्या सोचते हैं?
उत्तर:- प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ पुस्तक गोधूलि भाग 2 से लिया गया है पाठ का नाम मेरे बिना तुम प्रभु और लेखक का नाम रेनिन मारिया रिल्के है ।
कविता कवि के द्वारा भगवान को संबोधित है हमारे सोच से कई महान आस्तिक थे भगवान पर उन्हें पूरा विश्वास था कि वह भक्त से अलग नहीं है तथा दोनों एक - दूसरे के पूरक है।
7 मनुष्य के नश्वर जीवन की महिमा और गौरव का यह कविता कैसे बखान करता है स्पष्ट कीजिए?
उत्तर:- प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ पुस्तक गोधूलि भाग 2 से लिया गया है पाठ का नाम मेरे बिना तुम प्रभु और लेखक का नाम रेनिन मारिया रिल्के है।
मनुष्य का जीवन नश्वर है इस नश्वर जीवन की महिमा और गौरव भगवान की भक्ति करने से होता है नास्तिक मनुष्य भक्ति कृपा दृष्टि का पात्र नहीं हो सकता है अथवा भगवान के प्रति उनका नश्वर जीवन सार्थक हो पता है अतः स्पष्ट है की कविता मनुष्य के नश्वर - जीवन की महिमा और गौरव का बखान करता है।
8 कविता के आधार पर भक्त और भगवान के बीच के संबंध पर प्रकाश डालिए?
उत्तर:-
प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ पुस्तक गोधूलि भाग 2 से लिया गया है पाठ का नाम मेरे बिना तुम प्रभु और लेखक का नाम रेनिन मारिया रिल्के है ।
भक्त और भगवान के बीच अन्योनाश्रय संबंध है।
दोनों एक दूसरे के पूरक है ।
जैसे जल और जलपात्र का संबंध है प्याला और मदिरा का संबंध है ।
वही संबंध भक्त और भगवान का है यदि जल के बिना जलपात्र सुना लगता है।
तो जलपात्र के बिना जल भी बिखर जाता है।
उसी प्रकार प्याली के बिना मदिरा और मदिरा के बिना प्याला अस्तित्व विहीन हो जाता है यही बात लेखक इस कविता के माध्यम से जनमानस को समझने की कोशिश करते हैं।
मेरे बिना तुम प्रभु Class 10th Hindi Mere Bina Tum Prabu Quesstion Answer Bihar Board Matriric Exam
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पाठ 12 गोधूली भाग 2 कविता मेरे बिना तुम प्रभु
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Vikram kumar.