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ईदगाह कहानी कक्षा 8 पाठ 2 प्रश्न उत्तर सम्पूर्ण

ईदगाह कहानी कक्षा 8 पाठ 2 प्रश्न उत्तर सम्पूर्ण

पाठ का सारांश:- प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ्य पुस्तक किसलय से लिया गया है प्रेमचंद रचित इस कहानी में बाल मनोविज्ञान पर आधारित है यह कहानी एक वंचित बचपन के परिस्थितियों का बड़ा ही मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया हैं।  लेखक ने उस अभावग्रस्त बालक के मन वयस्क की तरह सोचता है ।
रमजान की पूरे तीस रोजों के बाद आज ईद आई हैं।
गांव में खुशी का माहौल है।
 सभी लोग ईदगाह जाने की तैयारीयाँ कर रहे हैं।
 और बच्चे बहुत भी खुश हैं क्योंकि उन्हें आज मेला घूमने के लिए पैसा मिलेगा।
 लेकिन हामिद जो एक गरीब बालक है।
उसके माता-पिता मर चुके हैं एक बूढ़ी दादी अमीना उसे पाल रही है। हामिद को मेला घूमने के लिए अमीना ने मात्र तीन पैसे दिए।
ईदगाह पर नमाज पढ़े गये  इसके बाद बच्चों ने मिठाई की दुकान पर आकर रंग-बिरंगे मिठाईयाँ खाने लगे लेकिन हामिद ललचाए निगाहों से देखा लेकिन वह उन्हें खरीद नहीं सकता था क्योंकि उसके पास तीन ही पैसे थे ।
बच्चे आगे बढे रंग -बिरंगे खिलौने देखें बच्चे अपनी अपनी पसंद के खिलौने खरीदते हैं लेकिन हामिद को रंग- बिरंगे खिलौने आकर्षित नहीं कर पाते हैं हामिद आगे बढ़ा  कई प्रकार की चीजें बिक रही थी जहां बच्चों की जरूरत की कोई चीज थी लेकिन वह इतने पैसे में एक चिमटा खरीद लेता है यह चिमटा दादी के काम आएगा। रोटी  पकाने के समय उसकी दादी का हाथ जल जाता है उसने  चिमटा लेकर बच्चों के बीच आता है यहां बच्चे उसके चिमटे का उपहास करते हैं लेकिन हामिद अपने चिमटे को कंधे पर रखकर बंदूक कहता है।
 हाथ में लेकर फकीर का चिमटा कहता है और हामीद ने चिमटा को धुमाते हुए  कहा, अगर एक चिमटा  जमा दूं तो तुम्हारे खिलौने की जान निकल जाएगे।
 मेरे चिमटे को कोई बाल- बांका नहीं हो सकता है फिर बच्चे चिमटे के कायल हो जाते हैं 
और सब हामिद के चिमटे को हाथ से छूते हैं ।
हामिद ने सब के खिलौनों को बारी-बारी से छू आ।
बच्चे गांव आकर अपनी -अपनी खिलौने से खेलने लगते हैं।
सभी के खिलौने कुछ ही दिनों में टूट -टूट कर बिखर जाते हैं ।
लेकिन हामिद का चिमटा बरकरार रहता है।
हामिद को देखते ही दादी अमीना गोद में उठाकर गले लगाती है सहसा हाथ से चिमटा गिर जाता है वह चौक जाती है चिमटा कहां से आया वह गुस्सा में आ जाती है ।
लेकिन जब वह कहता हैं दादी तुम्हारा हाथ अब नहीं जलेगा दादी का क्रोध अब स्नेह में बदल जाता है और वह सोचने लगती है 
हामिद में कितना त्याग ,सद्भावना ,और विवेक है
 वह बच्चों को मिठाई खाते ,खिलौने से खेलते देख कर उसका भी मन मचला होगा।
 लेकिन सभी इच्छाओं को दबाकर दादी का ख्याल रख।
अमीना की आंखों से स्नेह के आंसू बहने लगे।
 और वह दामन फैलाकर हामिद को दुआएं देती है। हामिद इसका रहस्य क्या समझता है।
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 लेखक:-  प्रेमचंद
1 ईद के दिन अमीना क्यों उदास थी?
उत्तर:- प्रस्तुत पाठ हमारी हिंदी पाठ्यपुस्तक किसलय से लिया गया है पाठ का नाम ईदगाह लेखक का नाम मुंशी प्रेमचंद्र है।
ईद के दिन अमीना इसलिए उदास थी क्योंकि उसके घर में एक दाना भी नहीं था फिर हामिद अकेले कैसे तीन कोश पैदल चलकर ईदगाह जाएगा ।
इस कारण से अमीना उदास थी।

2 हामिद मिठाई या खिलौने के बदले चिमटा पसंद करता है क्यों?
उत्तर:-प्रस्तुत पाठ हमारी हिंदी पाठ्यपुस्तक किसलय से लिया गया है पाठ का नाम ईदगाह लेखक का नाम मुंशी प्रेमचंद्र है।
बचपन में यदि बच्चा अभाव से ग्रसित होता है तो उसकी सोच भी बदल जाती है हामिद भी ऐसे ही सोच का एक बालक है।
 जो कि केवल जवह्य स्वाद में नहीं आता है वह क्षण भर के लिए होता है।
 खिलौने तो मिट्टी से बने हैं जिस पर पानी पड़े तो रंग उड़ जाएगा ठोकर लगे तो टूट -फूट सकता है 
लेकिन चिमटा न कभी टूटेगा न फूटेगा वह दादी को काम आएगा।
 जब दादी उसकी रोटी सकती है तो उनकी उंगलियां हमेशा जल जाती थी इसलिए हामिद अपनी सूझ-बूझ से चिमटा ही लेना पसंद करता है।

3 मेला जाने से पहले हामिद दादी से क्या कहता है?
उत्तर:- प्रस्तुत पाठ हमारी हिंदी पाठ्यपुस्तक किसलय से लिया गया है पाठ का नाम ईदगाह लेखक का नाम मुंशी प्रेमचंद्र है।
मेला जाने से पहले हामिद दादी से कहता है तुम डरना नहीं अम्मा मैं सबसे पहले आऊंगा बिल्कुल ना डरना।

4 मेला में चिमटा खरीदने से पहले हामिद के मन में कौन-कौन से विचार आए ? वर्णन कीजिए।
उत्तर:- प्रस्तुत पाठ हमारी हिंदी पाठ्यपुस्तक किसलय से लिया गया है पाठ का नाम ईदगाह लेखक का नाम मुंशी प्रेमचंद्र है।
मेले में चिमटा खरीदने से पहले हामिद के मन में एक वयस्क व्यक्ति के तरह विचार आ रहे थे।
 खिलौना सभी अच्छे हैं ।
हर एक का दाम दो पैसा है सभी खिलौने भी नहीं होंगे फिर मिट्टी के बने खिलौने यदि हाथ से छूट जाए तो चकना चूर हो जाएंगे ।
पानी पड़ा तो इसका रंग धुल जाएगा ऐसे खिलौने लेकर क्या करेंगे।
जब लोहे की दुकान पर जाता है तो चिमटा देखता है तो उसके मन में विचार आता है कि दादी के पास चिमटा नहीं है तभी तो  वह रोटी सकती है ।
तो उनके हाथ उस तवे से जल जाते हैं ।
अगर चिमटा लेकर दादी के पास जाएगी तो दादी बहुत खुश होगी उसकी अंगुली अब कभी नहीं जलेगी खिलौने लेने से तो पैसा व्यर्थ होगा या बर्बाद  होगा।

5 हमीद चिमटे को किन-किन रूपों में उपयोग करने के बाद कही हैं?
उत्तर:- प्रस्तुत पाठ हमारी हिंदी पाठ्यपुस्तक किसलय से लिया गया है पाठ का नाम ईदगाह लेखक का नाम मुंशी प्रेमचंद्र है।
हामिद चिमटे को बंदूक, फकीर, के चिमटे मंजीरे तथा खिलौनों को जान निकालने वाले हथियार के रूप में उपयोग करने की बात कहता है।

6 ईदगाह कहानी आपको कैसी लगी इसकी मुख्य विशेषताए बताइए।
उत्तर:- प्रस्तुत पाठ हमारी हिंदी पाठ्यपुस्तक किसलय से लिया गया है पाठ का नाम ईदगाह लेखक का नाम मुंशी प्रेमचंद्र है।
यह कहानी एक बाल मनोविज्ञान पर अधारित है यहां पर एक बच्चे के अभावग्रस्त बचपन की और उसकी सोच की कहानी जहां पर चुनौती बच्चों की परिपक्वता और कहानी में मुहावरे तथा जटिल शब्दों के प्रयोग के साथ-साथ कहानी का अंत है वह बड़ा ही मार्मिक ढंग से किया 
अमीना की आंखें भर आई दामन फैलाकर हामिद को दुआ देती थी और आंसुओ की बड़ी-बड़ी बूंदे गिर जाती थी।

7 चिमटा देखकर अमीना के मन में कैसा भाव जागा?
उत्तर:- प्रस्तुत पाठ हमारी हिंदी पाठ्यपुस्तक किसलय से लिया गया है पाठ का नाम ईदगाह लेखक का नाम मुंशी प्रेमचंद्र है।
चिमटे को देखकर अमीना के मन में दो प्रकार के भाव आते हैं
पहला भाव- लड़का कितना भी वेसमझ है वह न कुछ खाया न पिया न कोई खिलौने  लाया यह वह चिमटा क्यों लाया लेकिन जब हामिद ने कहा तुम्हारी उंगलियां तवे पर जल जाती थी इसलिए मैंने इसे ले आया तो दादी का भाव बदल जाता है।
दूसरा भाव- हामिद में कितना त्याग सद्भावना विवेक हैं। और बच्चों को मिठाई खाते देख कर अवश्य उसका भी मन ललचा होगा लेकिन बुढ़िया दादी का ख्याल बना रहा और उसने अपनी दादी के लिए चिमटा ही लिया।

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