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बाजार श्रृंखला खरीदने और बेचने की कड़ियां प्रश्न उत्तर बिहार बोर्ड कक्षा 7 पाठ9

बाजार श्रृंखला खरीदने और बेचने की कड़ियां प्रश्न उत्तर बिहार बोर्ड कक्षा 7 पाठ 9

1 क्या सलमा को अपने मेहनत का उचित परिश्रमिक प्राप्त हुआ है यदि नहीं तो क्यों?
 उत्तर:- नहीं सलमा को अपने मेहनत का उचित परिश्रमिक प्राप्त नहीं हुआ।
 क्योंकि सलमा ने मखाने को खुद मंडी में न बेचकर आढ़तिया को बेचा था।
 जिसकी वजह से उसे मखाने का उचित मूल्य प्राप्त नहीं हुआ उसे पैसे की जरूरत थी क्योंकि उसे अपने रिश्तेदार का कर्ज चुकाना था तालाब के मालिक को किराया देना था अपने टूटे घर को मरम्मत करानी थी फिर उसके पास जगह भी कमी था इस कारण वह मखाने को अपने पास नहीं रखी और उसे आढ़तिया को मखाना बेचने उसे मखाने का  कम मूल्य  मिला और आढ़तिया मखाना  ने कहा कि अच्छी फसल होने की वजह से मखाने का मूल्य नहीं बढ़ा।

2 आर्थिक रूप से संपन्न बड़े मखाना उत्पादक किसान अपने फसल को कहां बेचेगें?
उत्तर:- आर्थिक रूप से संपन्न बड़े मखाना उत्पादक किसान अपनी फसल को शहर के बड़े मंडियों में भेजते हैं इससे उन्हें अपने उत्पादन की सही कीमत प्राप्त होती है उन्हें उनकी मेहनत का सही फल मिलता है बड़े मखाना उत्पादकों के पास सुविधाएं अधिक होती है और लोग आसानी से अपने मखाने को लेकर शहर के मंडी में आ जाते हैं और अपने मखाने को बेचकर अधिक मूल्य प्राप्त कर लेते हैं इसे अधिक लाभ भी प्राप्त होता है।

3 मखाना उत्पादक किसान एवं उनसे जुड़े मजदूरों के काम के हालात और उन्हें प्राप्त होने वाले लाभ या मजदूरी का वर्णन करें क्या आप सोचते हैं कि उनके साथ न्याय होता है
उत्तर:- मखाना उत्पादन किसान एवं उनसे जुड़े मजदूरों का काम बहुत ही कठिन होता है ।
मखाना उत्पादन करना उनकी गुड़ियों को तालाब से निकालना फिर उसका लावा तैयार करना यह बहुत ही मुश्किल प्रोसेस है।
 इसके लिए मजदूरों का कुशल होना आवश्यक है कुछ छोटे किसान ही कर्ज लेकर मखाना उत्पादन करते हैं छोटे किसानों को पैसे की आवश्यकता तुरंत होती है उनके पास जगह की कमी होती है इस कारण से मखाने को अपने पास रखकर मूल्य बढ़ने तक बेच भी नहीं सकते 
 इसी कारण वे लोग अपना मखाना आढ़तिए को बेच देते हैं जिससे उन्हें मखाने का सही मूल्य प्राप्त नहीं होता है जिससे उन्हें बहुत नुकसान होता है और उन्हें अपने मेहनत का फल नहीं मिलता है गुड़ियों गुड़ियों से लावा निकालने वाले को भी उनकी मेहनत के हिसाब से मजदूरी मिलती है।
 2.5 किलो गुड़ि का लावा निकालने पर आधा किलो गुड़िया दी जाती है  नहीं उनके साथ न्याय नहीं होता है उन्हें उनके मेहनत के हिसाब से मजबूरी प्राप्त नहीं होती है।

4 चाय से चीनी दूध तथा चाय पत्ती का प्रयोग होता है आपस में चर्चा करें कि यह वस्तु बाजार की किस श्रृंखला से होते हुए आप तक पहुंचती है क्या आप उन सब लोगों के बारे में सोच सकते हैं जिन्होंने इन वस्तुओं के उत्पादन में व्यापार में मदद की होगी।
उत्तर:- चीनी गन्ने के द्वारा चीनी मिल में बनाई जाती है फिर वहां से चीनी थोक मंडी में पहुंचती है वहां से खुदरा व्यापारियों के पास पहुंचता है और वहां से उपभोक्ता के पास चाय की खेती मुख्यत: आसाम में होती है यह पत्ते के रूप में  उपजाई  जाती है।
 फिर इसे मशीनों में डालकर छोटे-छोटे दानों का रूप देते हैं।
पर इसे पैक कर थोक व्यापारियों के पास भेजा जाता हैं। वहाँ से खुदरा दुकान के पास और वहाँ से उपभोक्ता के पास।
दूध उत्पादन  ग्वाले करते हैं।

5 यहां दिए गये कथनों का सही क्रम सजाएं और फिर नीचे बने गोलों में सही क्रम के अंक भर दें ।प्रथम दो गोलो में  आपके लिए पहले से ही अंक भर दिये गये हैं।
(1) सलमा मखाना उपजाती जाती है।
उत्तर:- सलमा मखाना उपजाती हैं।
(2) स्थानीय आढ़तिया पटना के थोक व्यापारियों को बेचता है।
उत्तर:- आशापुर में गुड़ियों से लावा  बनाया जाता हैं।
(3) आशापुर में मखाना का लावा बनाने वाले लाती हैं
उत्तर:- मजदूर गुड़िया इकट्ठा करते हैं
(4) खाड़ी देशों को निर्यात करते हैं
उत्तर:- आशापुर में मखना का लावा बनवाने लाती हैं।
(5) दिल्ली के व्यापारियों को बेचते हैं
उत्तर:- सलमा आशापुर  के आढ़तिया को मखना बेचती हैं।
(6) मजदूर गुड़ियों को इकट्ठा करते हैं।
उत्तर:- आढ़तिया पटना के थोक व्यापारी को मखना बेचती है।
(7) सलमा आशापुर के आढ़तिया को मखाना बेजती है।
उत्तर:- दिल्ली के व्यापारियों को बेजती है
(8) आशापुर में गुड़िया से लावा बनाया जाता है।
उत्तर:- खाड़ी देशों को निर्यात करते हैं
(9) खुदरा व्यापारी को बेचते हैं
उत्तर:- मखाना की
(10) उपभोक्ता से प्राप्त होता है
उत्तर:- मखाना