1 दिल्ली की स्थापना किस राजवंश के काल में हुई?
उत्तर:- दिल्ली की स्थापना 950 में तोमर राजवंश के काल में हुई लेकिन 12 वीं शताब्दी में अजमेर के शासक चौहानों ने दिल्ली पर अधिकार कर लिया।
2 अलाउद्दीन खिलजी के समय किस गुलाम सेना नायक में दक्षिण भारत पर विजय प्राप्त की थी?
उत्तर:- अलाउद्दीन खिलजी ने दक्षिण भारत में तुर्क राज्य के विस्तार के लिए अपने एक गुलाम मलिक काफूर के नेतृत्व में एक विशाल सेना भेजी उसने देवगिरी ,वारगल ,द्वारसमुन्द्र, मदुरई पर विजय प्राप्त कर दक्षिण की एक बड़ी भाग पर सल्तनत राज्य के अधीन तक कर लिया ।
लेकिन खिलजी ने इन राज्यों पर अधिकार न कर उसे सालाना कर देने के करार पर उसे अपना राज्य लौटा देये।
3 मूल्य नियंत्रण की नीति किस सुल्तान ने लागू की थीं?
उत्तर:- मूल्य नियंत्रण की नीति अलाउद्दीन खिलजी ने लागू की थी।
इससे उसका उद्देश्य था कि किसानों को उसकी उपज का उचित मूल्य मिल सके और आम जनता से भी कोई अधिक मूल्य न वसूल सके।
4 दिल्ली के किस सुल्तान ने नहरों का निर्माण करवाया था।
उत्तर:- दिल्ली के सुल्तान फिरोज़शाह तुगलक ने नहरों का निर्माण करवाया था।
5 मिलान करें
1 प्रारंभिक तुर्कवंश ------- कुतुबुद्दीन ऐबक
2 खिलजी वंश------ -------जलालुद्दीन
3 तुगलक वंश------------- गयासुद्दीन
4 सैयद वंश--------------–--- खिंच खां
5 लोदी वंश------------------- बहलोल
6 दिल्ली सुल्तान के प्रशासनिक व्यवस्था के अंतर्गत अक़्तदारी व्यवस्था पर प्रकाश डालें।
उत्तर:- दिल्ली के तुर्क शासकों ने अपने अमीरों को विभिन्न आकर के इलाकों में नियुक्त किया इन इलाकों को अकता कहा जाता था और अकता के अधिकारी मुक्ती या वली कहे जाते थे इसका दायित्व था कि अपने अपने क्षेत्र में कानून -व्यवस्था बनाए रखें कभी आवश्यकताएं पड़ने पर सुल्तान को सैनिक मदद भी देंगे ।
इसके लिए घुड़सवार सिपाही रखने पड़ते थे। और भूमि कर की वसूली की वली ही करते थे वसूली का कुछ भाग अपने स्वयं रखते थे और लेने की छूट भी थी ताकि सैनिकों को वेतन दिया जा सके।
7 सल्तनत काल में लगान व्यवस्था का वर्णन करें और यह बताएं कि किसानों का जीवन पर इसका क्या प्रभाव था?
उत्तर:- सल्तनत काल में लगान व्यवस्था का अपना तरीका था गांव के बड़े और धनी किसान जिन्हें खुत मुक्कदम और चौधरी कहते थे राज्य की ओर से लगाना वसूला करते थे लगाना अर्थात भूमिकर को खराज कहा जाता था।
खराज की मात्र भूमि पर उपजने वाले अनाज का एक हिस्सा होता था।
खराज की मात्र भूमि पर उपजने वाले अनाज का एक हिस्सा होता था खराज में वसूला गया अनाज सरकारी गोदामो में रखा जाता था ।
इस सेवा के बदले खुत ,मुक्कदम और चौधरी को खराज का एक हिस्सा मिलता था ।
यह छोटे किसानों को दबाते भी थे बाद में अलाउद्दीन खिलजी ने ग्रामीणों को हटाकर लगान या खराज वसूलने का काम सरकारी अधिकारियों को सौंप दिया।
8 दिल्ली के सुल्तानों के प्रशासनिक व्यवस्था में कार्यरत अधिकारियों की सूची बनाएं और उनके कार्यों का उल्लेख करें।
उत्तर:- दिल्ली के सुल्तानों की प्रशासनिक व्यवस्था में कार्यरत अधिकारियों की सूची और उनके नाम लिखे थे
अधिकारी काम
सूबेदार सूबे का मुख्य अधिकारी
सेनापति सेना पर नियंत्रण रखना
प्रशासक प्रशासनिक कार्यों को देखना
वजीर वित्त विभाग का प्रधान
आरिजे ममालिक सुल्तान की सेना का प्रधान
वकील -ए-दर राज परिवार की देखभाल करना
काजी न्याय करना मुख्य न्यायाधीश
दीवान-ए-इंशा राजकीय फरमान जारी करना
बरीद-ए- मुमालिक गुप्त सूचना एकत्र करना
मुक्ति या बली आक्त में शांति-व्यवस्था बनाये रखना
आमिल वसूले गए राजस्व का हिस्सा रखना
9 सल्तनत काल में उपजाये जाने वाले अनाजों को खरीफ एवं रबी फसलों में बांटकर समझाए।
उत्तर:- सल्तनत काल में उपजा जाने वाले अनाजों की खरीफ और रबी फसल की थी
खरीफ:- धान, ज्वार ,बाजरा, तिल ,कपास।
रबी:- गेहूं , जौ, उड़द, मूंग ,मसूर।
गन्ना और अरहर खरीफ और रबी दोनों में आते हैं क्योंकि यह एक साल के समय लेते हैं अंगूर स्थानीय फसल है।