1 जोड़े बनाइए
सोमनाथ --------------------गुजरात
पालवंश ---------------------बंगाल
गोपाल-------------लोगों द्वारा चयनित शासक
कन्नौज ---------------त्रिपक्षीय संघर्ष
मध्य भारत------------ गुर्जर प्रतिहार
2 दक्षिण के प्रमुख राज्य कौन -कौन थे?
उत्तर:- दक्षिण के प्रमुख राज्य निम्नलिखित थे।
1 चोल
2 चेर
3 पाण्ड्य
4 राष्ट्रकूट
5 चालुक्य
3 उस समय के राजा कौन -कौन सी उपाधियां धारण करते थे?
उत्तर:- उस समय के राजा अनेक बड़ी-बड़ी उपाधियां धारण करते थे जो उनके द्वारा विजीत राजा उनकी अधीनता स्वीकार करते हुए देते है
जैसे----
महाराजाधिराज, परमभट्टारक , परमेश्वर ,त्रिभुवन चक्रवर्ती आदि।
4 बिहार और बंगाल में किन वंश का शासन था?
उत्तर:- बिहार और बंगाल में कौन सा सेन तथा पाल वंश का शासन था।
5 तमिल क्षेत्र में किस तरह की सिंचाई व्यवस्था का विकास हुआ।
उत्तर:- सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था हेतु डेल्टाई क्षेत्र में तट बनाए गए और पानी की खेती तक पहुंचाने के लिए नहरों की खुदाई हुई सिंचाई के लिए कुए की संख्या बढ़ाई गई वर्षा पानी जल का बर्बाद नहीं किया गया उसे संग्रहित करने के लिए बहुत सारे सरोवर बनाए गए हैं यह सभी काम योजनाबद्ध तरीके से किए गए राज्य कर्मचारी के साथ स्थानीय किसान सहयोगी के द्वारा हुआ हैं।
6 कन्नौज शहर तीन शक्तियों के संघर्ष का केंद्र बिंदु क्यों बना?
उत्तर:- कन्नौज उत्तर भारत का एक प्रसिद्ध नगर था जो कभी हर्षवर्धन की राजधानी रह चुका था इस नगर पर अधिकार का तात्पर्य था वह शासक गंगा- यमुना दोआब के उपजाऊ मैदान पर अधिकार कर लेता जो राजस्व का एक बहुत बड़ा जरिया बन सकता था यहां से यहा तीनों में से किन्हीं दो पर बेहतर ढंग से नियंत्रण रखा जा सकता था कन्नौज गंगा के किनारे अवस्थित था अतः वहां से अधिक व्यापारिक कर वसूले जाने की आशा भी थी इन्हीं कारणों से कन्नौज, गुर्जर, प्रतिहार ,राष्ट्रकूट और पाल, यह तीनों केंद्र बिंदु बन गए यह तीनों शक्तिया लड़ते-लड़ते पस्त हो गई और तीनों के राज्य समाप्त हो गए।
7 महमूद गजनवी अपनी विजय अभियानों में क्यों सफल रहा?
उत्तर:- महमूद गजनबी अपने विजय अभियानों में ही लूट अभियानों को अपनाया उसने जब भी आक्रमण किया तो मंदिर के साथ-साथ बड़ी-बड़ी नगरों को लूटा उसने कभी भारत में अपनी स्थानीय शासन की बात नहीं सोची इन लूट अभियानों में सदैव असफल रहने का एकमात्र कारण था कि यहां के राजा और शासक ने मेल मिलाप नहीं था एक राज्य लूटता रहता तो अन्य सभी देखते रहते और अंदर ही अंदर प्रसन्न भी होते इनको इतनी समझ नहीं थी कि यह स्थिति कभी उन पर भी आ सकती है और यही हुआ और इसी से महमूद गजनबी अपने अभियानों में सफल भी रहा ।
8 सामंतवाद का उदय किस प्रकार हुआ।
उत्तर:- 7 वी● से 12 वी● शताब्दी के बीच भारत में सामंतवाद का उदय हुआ।
उस समय की पुस्तक तथा अन्य अभिलेखों में सामंतवाद का उदय हुआ। उस समय की पुस्तकों था अन्य अभिलेखों में सामंत नाम दिए हैं।जैसे:-
सामंत,राय ,ठाकुर, राणा, रावत इत्यादि। उस समय के राजा जब किसी अन्य राजा की युद्ध करता था तो उसे राज्य को अपने राज्य में मिला लेता था लेकिन लगभग 1000 ई● के आसपास के युद्ध में हारे हुए राजा को उसी स्थिति में उसके राज वापस मिल जाते थे जब यह विजय राजा की अधीनता मान लेता था बदले में उसे कुछ शर्तों को माननी पड़ती थी और पराजित राजा को यह स्वीकार करना पड़ता था कि विजय राजा उसका स्वामी है पराजित राजा विजय राजा का सामंत कहलाता था इसी प्रकार सामंतवाद का उदय हुआ।
9 तत्कालीन राज्यों की प्रशासनिक व्यवस्था आज की प्रशासनिक व्यवस्था से कैसे भिन्न थी?
उत्तर:- तत्कालीन राज्यों की प्रशासनिक व्यवस्था आज की प्रशासनिक व्यवस्था से बहुत अर्थो में भिन्न थीं।
आज प्रजातांत्रिक व्यवस्था है जबकि उस समय राजतंत्र था।
उस समय अधिकारी राजा की मर्जी से नियुक्त हुए करते थे।
जबकि आज प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को कड़ी परीक्षा से गुजरना पड़ता है तत्कालीन केंद्रीय शासन के संबंध में अधिकारियों का उल्लेख मिलता है ।
जैसे विदेश विभाग के
प्रधान को संधि- विग्रहक कहा जाता था जबकि आज केंद्रीय सरकार में खासतौर से एक विदेशी विभाग होता है जिसकी देखरेख प्रधान सचिव के हाथ में होती है इसके ऊपर एक विदेशी मंत्री होता है आज के राजस्व विभाग प्रतिहार, चौहान ,सोलंकी, और पावर जो सामंत थे मौका मिलते हैं राजा बन बैठते हैं।