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ईदगाह प्रश्न उत्तर

 पाठ का सारांश----
ईदगाह


रमजान के तीस दिनों के बाद ईद आई है।
 गांव में खुशी का माहौल है।
 सभी ईदगाह जाने की तैयारी में लगे हैं।
बच्चे बहुत खुश हैं सभी के जेब में पैसे हैं लेकिन हामीद  जो एक गरीब बच्चा है।
 उसके माता-पिता अब इस दुनिया में नहीं है एक बूढ़ी दादी अमीना उसे पाल रही है।
हामीद के पास मात्र तीन पैसे मेला देखने के लिए दिया है।
ईदगाह पर नमाज पढ़ने गए इसके बाद बच्चे मिठाई के दुकान पर आकर रंग-बिरंगे मिठाईयां खाने लगे लेकिन हामिद ललचाए आंखों से देखता है क्या करे उसके समझ में यह बात नहीं आती है और बच्चा आगे बढ़े रंग- बिरंगे खिलौने देखकर बच्चे अपने अपने पसंद के खिलौने खेलते हैं लेकिन हामिद को रंग बिरंगे खिलौने आकर्षित नहीं कर रहे हैं हामिद आगे बढ़ा लोहे के बने हुए प्रकार की चीजें बिक रही थी और उसे देखकर जहां बच्चे की जरूरत कोई चीज नहीं थी लेकिन हामिद तीन पैसे में एक चिमटा लेता है  वह सोचता है कि  दादी को काम आएगा रोटी सेकने में दादी का हाथ जल जाता है।
वह अमीना के लिए अपनी दादी के लिए एक चिमटा  लेता है। अब दादी के हाथ नहीं जलेगा।
हामीद चिमटा लेकर बच्चों के बीच ए आता है।
 यहां बच्चों उसके चिमटे का उपहास करते हैं ।
लेकिन हामिद अपनी चिमटी को कंधे पर रख बंदूक कहता है 
हाथ में लेकर फकीर का चिमटा कहता है हामिद ने चिमटा को बजाते हुए मंजीरा भी साबित कर दिया चिमटा को घुमाते हुए कहा अगर एक चिमटा जमा दूं तो तुम्हारे खिलौने की जान निकल जाएगी।
 मेरे चिमटे को कोई बाल बांका नहीं हो सकता है फिर बच्चे चिमटे के कायल हो गए सबों ने हामिद के चिमटे हाथ से छुए हामिद ने सबों का खिलौना बारी-बारी से छुता और देखा।
बच्चे गांव आकर अपने- अपने खिलौने से खेलने लगेते है।
सभी के खिलौने कुछ ही दिन में टूट - फूट जाते हैं हामीद को देखते ही दादी अमीना गोद में उठाकर उसे गले लगा लेती है।
 सहसा हामिद के हाथ से चिमटा गिर जाता है वह चौक जाती है चिमटा कहां से आया वह गुस्से में आ जाती है। हामिद ने कहा दादी  तुम्हारा हाथ अब नहीं जलेगी कहते हैं ।
दादी तुम्हारा हाथ अब नहीं जलेगा दादी का क्रोध स्नेह  से भर जाता है वह सोचने लगती है ।
 कि हामीद में कितना त्याग ,सद्भावना ,विवेक, बुद्धि, है जो बच्चों को मिठाई खाते खिलौनों से खेलते देखकर इसका मन ललचा होगा लेकिन सभी इच्छाओं को दबाकर वह अपनी दादी क्या ख्याल कर चिमटा लेकर आती है।
अमीना की आंखों से स्नेह के आंसू बादलों की तरह गिरते हैं।
 वह दामन फैलाकर हामीद को दुआएं देता है।

1 ईद के दिन अमीना क्यों उदास थी?
उत्तर:- प्रस्तुत पाठ हमारी हिंदी पाठ्यपुस्तक किसलय भाग 3 से लिया गया है पाठ का नाम ईदगाह लेखक  का नाम प्रेमचंद्र है।
ईद के दिन भी अमीना इसलिए उदास थी क्योंकि उसके घर में एक दाना भी नहीं था फिर भी हामिद अकेले कैसे तीन कोस पैदल चलकर ईदगाह तक जाएगा।
2 हामिद मिठाई या खिलौने के बदले चिमटे का चयन करता है क्यों ?
उत्तर:- प्रस्तुत पाठ हमारी हिंदी पाठ्यपुस्तक किसलय भाग 3 से लिया गया है पाठ का नाम ईदगाह लेखक  का नाम प्रेमचंद्र है।
बचपन में अगर बच्चा अभावग्रस्त हो तो वह वयस्क की तरह सोचने लगता है।
 हामीद ने सोच मिठाइयों से केवल जिव्हा का स्वाद आता है।
जो क्षण- भर के लिय हो सकता है 
खिलौने मिट्टी के बने होते हैं जिस पर पानी पड़ते ही उसका रंग उड़ जाता है।
 ठोकर खाने से टूट- फूट सकता है लेकिन चिमटा न तो कभी टूटेगा ना कभी फूटेगा ।
वह दादी को काम आएगा दादी को रोटी सेकने के समय उंगलियां नहीं जलेगी वह बहुत उपयोगी है।
 यह सब बातें सोच कर हामिद चिमटा पसंद करता है अपनी दादी के लिए।
3 मेला जाने से पहले हमें दादी से क्या कहता है।
उत्तर:-प्रस्तुत पाठ हमारी हिंदी पाठ्यपुस्तक किसलय भाग 3 से लिया गया है पाठ का नाम ईदगाह लेखक  का नाम प्रेमचंद्र है।
मेला जाने से पहले हामीद दादी से कहता है तुम डरना नहीं अम्मा मैं सबसे पहले आऊंगा आप बिल्कुल ना डरना।
4 मेले में चिमटा खरीदने से पहले हामिद के मन में कौन-कौन से विचार आए वर्णन कीजिए।
उत्तर:- 
प्रस्तुत पाठ हमारी हिंदी पाठ्यपुस्तक किसलय भाग 3 से लिया गया है पाठ का नाम ईदगाह लेखक  का नाम प्रेमचंद्र है।
मेले में चिमटा खरीदने से पहले हामिद के मन में एक ववयस्क की तरह अनेक विचार आए खिलौने सभी अच्छे हैं।
लेकिन हरेक का दाम दो पैसा है सभी खिलौने  मिट्टी के बने खिलौने यदि हाथ से छूट गए तो चूर -चूर हो जाएगा पानी पड़ा तो सारा रंग धुल जाएगा ऐसे खिलौने लेकर क्या करेंगे जब वह लोहे की दुकान पर जाता है।
 तो उसकी नजर लोहे  के चिमटे  पर जाती है देखकर व विचार करता है कि दादी के पास चिमटा नहीं है तवे पर रोटी सकती है तो उसकी अंगुलियां जल जाती है।
 अगर चिमटा लेकर दादी के पास जाए तो दादी बहुत खुश हो जाएगी और ऊंगली उसकी कभी नहीं जलेगी ।
खिलौने लेने से व्यर्थ में पैसे खराब हो जाएंगे।
5 हामिद ने चिमटा को किन किन रूपों में उपयोग करने की बात कही हैं।
उत्तर:- प्रस्तुत पाठ हमारी हिंदी पाठ्यपुस्तक किसलय भाग 3 से लिया गया है पाठ का नाम ईदगाह लेखक  का नाम प्रेमचंद्र है।
हामिद चिमटे को बंदूक, फकीरों ,के चिमटे मंजिरे तथा खिलौने को जान निकालने वाले हथियारों के रूप में उपयोग की बात कही हैं।
6 ईदगाह कहानी आपको कैसी लगी इसकी मुख्य विशेषताएं बताएं।
उत्तर:- प्रस्तुत पाठ हमारी हिंदी पाठ्यपुस्तक किसलय भाग 3 से लिया गया है पाठ का नाम ईदगाह लेखक  का नाम प्रेमचंद्र है।
यह कहानी अत्यंत ही रोचक और वंचित बचपन की परिस्थितियों का मार्मिक ढंग से टिप्पणी करता है यह बताता है कि अभावग्रस्त जीवन बालमन को व्यस्त सोचने को मजबूर करता है हम ही खिलौनों की जगह अपनी दादी के लिए चिमटा खरीदता है
7 चिमटा देखकर अमीना के मन में कैसा भाव जगा?
उत्तर :-प्रस्तुत पाठ हमारी हिंदी पाठ्यपुस्तक किसलय भाग 3 से लिया गया है पाठ का नाम ईदगाह लेखक  का नाम प्रेमचंद्र है।
इस परिस्थिति में अमीना के मन में दो प्रकार के भाव जगे-
1 लड़का कितना वेसमझ है न कुछ खाया न पिया और ना कोई खिलौने लिया यह चिमटा क्यों ले आया।
2 दूसरे भाव में दादी सोचती है हमीद में कितना त्याग सद्भावना विवेक बुद्धि और इस परिस्थिति से लड़ने की सूझबूझ है।
लेकिन बुढ़िया दादी का ख्याल बना रहा है

Vikram kumar