उत्तर:- प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ्यपुस्तक गोधूली भाग 1 से लिया गया है पाठ का नाम आ रही रवि की सवारी लेखक का नाम हरिवंश राय बच्चन है
कवि घोर निराशा से उभरता है तो उसके नए जीवन की शुरुआत होती है जैसे सुबह का सूर्य अपने दल बल के साथ पृथ्वी पर पड़ा अंधेरा छटते हुए नया जीवन देता है उसी प्रकार कवि के जीवन में भी नए आशा का संचार होता है यही आ रही रवि की सवारी कविता का केंद्रीय भाव हैं।
2 कवि ने किन-किन प्राकृतिक वस्तुओं का मानवीकरण किया है।
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कवी ने बदल, तारा ,चंद्रमा आदि का मानवीकरण किया है जिसमें बादल अनुचर के रूप में तारों की फौज के रूप में चंद्रमा जो रात का राजा है सूर्य के उदय होने से मानो वह भिखारी जैसा खड़ा प्रतीत होता है।
3 आ रही रवि की सवारी कविता में चित्रत सवारी का वर्णन करें।
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नये किरण सूर्य के रास्ते में सजे है, बदल अनुचर के रुप में है जो स्वर्ण की किरणों के कारण स्वर्ण- पोशाक धारण किए हुए मालूम पड़ते हैं सूर्य के उदय होने के साथ ही तारों की विशेष फौज मानो छिप गये हो और रात का राजा चंद्रमा भिखारी के रूप में राह में खड़ा हो।
4 भाव सुंदर स्पष्ट करें-
चाहता उचलूँ विजय काह
पर ठिठकता देखकर यह
रात का राजा खड़ा है
राह में बनकरभिखारी।
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आ रही रवि की सवारी से उद्धृत है यहां कवि का आशय यह है कि सूर्य के उदय होने के साथ ही जिस तरह चंद्रमा छिप जाता है वह बेबस भिखारी की तरह दिखालाई पड़ता है
उसी तरह उसके जीवन में जब अवसाद के क्षण खत्म होते हैं तो उसे लगता है कि उसके जीवन पर विजय पा लिया हो नये जीवन का संचार हुआ हो।
5 रवि की सवारी निकलने के पश्चात प्राकृतिक उसका स्वागत किस प्रकार से करती है।
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रवि की सवारी निकलने के पश्चात प्राकृतिक उसका स्वागत राजा की तरह करता है जिस प्रकार आजा निकलता है तो उसके जाने वाले पथ सजे रहते हैं उसके चारों तरफ अनुचर पोशाक धारण कर उसका स्वागत करते हैं बंदी और चरण के रूप में चिड़िया है उनका कीर्ति यश गण करती है उसके आने के डर से तारों के फौज मैदान छोड़कर भाग गए हो।
6 रात का राजा भिखारी कैसे बन गया?
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सूर्य के उदय होने के कारण उसके प्रकाश से रात का राजा चंद्रमा आकाश में मानो कहीं खो गया हो कि चंद्रमा का प्रकाश सूर्य के प्रकाश के सामने तुच्छ जान पड़ता है क्योंकि चंद्रमा का अपना स्वयं प्रकाश नहीं होता है इसीलिए वह भिखारी प्रतीत होता है सूर्य के प्रकाश में मानो वह भिखारी है प्रकाश लेने के लिए वह खड़ा हो गया उसका स्वागत करने के लिए।
7 इस कविता में रवि को राजा के रूप में चित्रित किया गया है अपने शब्दों में इस चित्र को पुनः स्पष्ट कीजिए
उत्तर:- प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ्यपुस्तक गोधूली भाग 1 से लिया गया है पाठ का नाम आ रही रवि की सवारी लेखक का नाम हरिवंश राय बच्चन है
कविता में रवि को राजा के रूप में इसलिए चित्रित किया गया है क्योंकि पूरे आकाश में सूर्य के सामने तेज प्रकाश पुंज वाला कोई तारा नहीं वह जब उदित होता है तो सबसे पहले उसके डर से अंधेरा भाग जाता है सुबह सुबह ही फूल और कलियां खिलती है वैसे मालूम पड़ता है मानो राजा के पद का स्वागत करने के लिए विछ गयी हो सूर्य के प्रकाश का रंग पीला होने के कारण पूरा बादल स्वर्ण प्रतीत होता है चिड़िया चहचाहने लगती है तो ऐसा लगता है कि उसके यश का गान कर रही हो यह सब एक राजा के स्वागत की तरह ही प्रतीत होता है।
8 कवि क्या देखकर ठिठक जाता है और क्यों?
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कवि रात का राजा चंद्रमा को सूर्य के प्रखर किरणों में छुपा जाने के कारण चंद्रमा उसे भिखारी सा प्रतीत होता है क्योंकि उसके पास अपना प्रकाश नहीं होता है यही देखकर कवि ठिठक जाता है।
9 सूर्योदय के समय आकाश का रंग कैसा होता है पाठ के आधार पर बताइए