जन्म:- 11अक्टूबर 1902
मृत्यु:- 8 अक्टूबर 1979
जन्म-स्थन:- सिताब दियारा गांव उत्तर प्रदेश के बलिया और बिहार के सारण जिले में फैला
1 जयप्रकाश नारायण को किस का दलाल कहा गया ?
उत्तर:- अमेरिका
2 जयप्रकाश नारायण ने छात्र आंदोलन का नेतृत्व कब किया?
उत्तर:- 1974 में
3 जयप्रकाश नारायण के बचपन का नाम क्या था?
उत्तर:- बाउल
4 सम्पूर्ण क्रांति के रचनाकार हैं
उत्तर:- जयप्रकाश नारायण
5 रिकस्ट्रशन ऑफ इंडिया पॉलिटि नामक पुस्तक किसने लिखी।?
उत्तर:- जयप्रकाश नारायण
6 संपूर्ण क्रांति का नारा किसने दिया था?
उत्तर:- जयप्रकाश नारायण
7 लोकनायक किसे कहा गया
उत्तर:- जयप्रकाश नारायण
8 जयप्रकाश नारायण के भाषण के अंश का शीर्षक हैं?
उत्तर:- संपूर्ण क्रांति
9 संपूर्ण क्रांति साहित्य की कौन सी विधा हैं?
उत्तर:- भाषण
10 जयप्रकाश नारायण को भारत रत्न का पुरस्कार कब प्राप्त हुआ था
उत्तर:- 1998
11 संपूर्ण क्रांति सिरसा संभाषण के रचयिता हैं?
उत्तर:- जयप्रकाश नारायण
1 जयप्रकाश नारायण की पत्नी का क्या नाम था वह किसकी पुत्री थी?
उत्तर:- प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ्यपुस्तक दिगंत से उद्धृत है लेखक का नाम जयप्रकाश नारायण और पाठ का नाम संपूर्ण क्रांति है जयप्रकाश नारायण की पत्नी का नाम प्रभावती देवी था वे प्रसिद्ध गांधीवादी ब्रजकिशोर प्रसाद की पुत्री थी
2 दलविहीन लोकतंत्र और साम्यवाद में कौन संबंध है?
उत्तर:-प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ्यपुस्तक दिगंत से उद्धृत है लेखक का नाम जयप्रकाश नारायण और पाठ का नाम संपूर्ण क्रांति है जयप्रकाश जी के अनुसार दलविहीन लोकतंत्र मार्क्सवाद और
लेनिनवाद के मूल उद्देश्य में है
मार्क्सवाद के अनुसार समाज जैसे-जैसे साम्यवाद की ओर बढ़ता जाएगा वैसे -वैसे राज्य- स्टेट का क्षय होता जाएगा
और अंत में एक स्टेटलेस सोसाइटी राज्य विहीन समाज कायम होगा वह समाजअवश्य ही
लोतांत्रिक होगा बल्कि उसी समाज में लोकतंत्र का सच्चा स्वरूप प्रकट होगा और वह लोकतंत्र निश्चय ही दलविहीन होगा।
3 बापू और नेहरू की किस विशेषता का उल्लेख जे .पी. ने अपने भाषण में किया हैं?
उत्तर:- प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ्यपुस्तक दिगंत से उद्धृत है लेखक का नाम जयप्रकाश नारायण और पाठ का नाम संपूर्ण क्रांति है जे.पी. में बापू एवं नेहरूजी की विशेषताओं का उल्लेख किया है
बापू की महत्ता के बारे में जयप्रकाश कहते हैं कि जब भी हमने यह कहा बापू हम नहीं मानते हैं आपकी यह बात तो बापू बुरा नहीं मानते थे
वे हमारी बात समझ जाते थे फिर भी वे हमें प्रेम से समझाया चाहते थे
जे.पी. कहते हैं कि जवाहरलाल नेहरू मुझे बहुत मानते थे
वे हमारी बात समझ जाते थे
फिर भी वे हमें प्रेम से समझते चाहते थे
जेपी कहते हैं जवाहरलाल मुझे बहुत मानते थे मैं उनका बड़ा आदर करता था
परंतु उनकी कटु आलोचना भी करता था उनमें बड़प्पन था वे हमारी आलोचनाओं का बुरा नहीं मानते थे मेरा उनके साथ मतभेद था पर वह परराष्ट्र की नीतियों को लेकर था
4 भ्रष्टाचार की जड़ क्या है इसे दूर करने के लिए क्या सुझाव देंगे?
उत्तर:-प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ्यपुस्तक दिगंत से उद्धृत है लेखक का नाम जयप्रकाश नारायण और पाठ का नाम संपूर्ण क्रांति है आजादी के बाद जो स्वराज मिला उससे जेपी खुश नहीं थे आजादी के बाद भी भ्रष्टाचार की जड़ें और मजबूत हुई बगैर घूस या रिश्वत दिए जनता का कोई कार्य नहीं होता था शिक्षा संस्थाएं भी भ्रष्ट हो चुकी थी भ्रष्टाचार संबंधी जेपी के विचार उचित हैं भ्रष्टाचार को जड़ मूल से नष्ट करने हेतु व्यवस्था में परिवर्तन लाना होगा किरानी राज खत्म करना होगा नौकरशाही को जड़ मूल से नष्ट करना होगा आज के नौकरशाह अभी भी अपने को जनता का सेवक नहीं समझते हैं वे अपने को सरकारी कर्मचारी मानते हैं जो गुलामी के समय उनकी सोच थी वही सोच आज भी वर्तमान है नौकरशाहों को जनता का सेवक समझना होगा तभी भ्रष्टाचार को दूर किया जा सकता है।
5 आंदोलन के नेतृत्व के संबंध में जयप्रकाश नारायण के क्या विचार थे?
अथवा जयप्रकाश नारायण किस प्रकार का नेतृत्व देना चाहते थे?
उत्तर:- प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ्यपुस्तक दिगंत से उद्धृत है लेखक का नाम जयप्रकाश नारायण और पाठ का नाम संपूर्ण क्रांति है जेपी को अपने दो मित्र छाप - दिनकर जी को और बेनीपुरी जी को स्मृतियों के प्रभाव से अपनी जिम्मेदारी का पूरा अहसास था छात्रों का आग्रह हुआ कि आंदोलन का वे नेतृत्व करें पर क्रांति की सफलता के लिए उन्होंने सशर्त नेतृत्व करना स्वीकार किया उनकी शर्त थी कि सबकी बात सुनूगा छात्रों की बात जितनी भी ज्यादा होगी जितना भी समय मेरे पास होगा उससे बहस करूंगा समझूंगा और अधिक से अधिक उसकी बात मै स्वीकार करूंगा जन - सधर्ष समितियो की लेकिन फैसले मेरा होगा इस फैसले को इनको मानना होगा और आपको मानना होगा तब तो इस नेतृत्व का कोई मतलब है तब यह क्रांति सफल हो सकती है।
6 संघर्ष समिति से जयप्रकाश नारायण की क्या अपेक्षाऍ हैं?
उत्तर:-प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ्यपुस्तक दिगंत से उद्धृत है लेखक का नाम जयप्रकाश नारायण और पाठ का नाम संपूर्ण क्रांति है जे.पी. चाहते थे कि जनसंघर्ष समितियों की विधानसभा के उम्मीदवारों का चयन करें जे.पी. यह भी चाहते थे कि संघर्ष समितिया केवल शासन से ही संघर्ष नहीं करें बल्कि उनका काम तो समाज के हर अन्याय और अनीति पूर्ण अन्याय होते हैं उसका भी दमन करेगी यह सामाजिक ,आर्थिक, एवं नैतिक क्रांति के लिए अथवा संपूर्ण क्रांति के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य करेगी।
7 व्यक्ति से नहीं हमें तो नीतियों से झगड़ा हैं सिद्धांतों से झगड़ा है कार्यों से झगड़ा हैं
उत्तर:- प्रस्तुत पंक्ति जयप्रकाश नारायण के भाषण संपूर्ण क्रांति से लिया गया आंदोलन के समय जयप्रकाश नारायण के कुछ ऐसे मित्र थे जो चाहते थे कि जेपी और इंदिरा जी से मेल -मिलाप हो जाए इसी प्रसंग में जेपी ने कहा है कि उनका किसी व्यक्ति से झगड़ा नहीं है चाहे वह इंदिरा गांधी हो या कोई और उनका तो नीतियों से झगड़ा सिद्धांतों से झगड़ा कार्यों से झगड़ा है जो कार्य गलत होगा जो नीति गलत होगी जो सिद्धांत गलत होंगे चाहे वह कोई भी करें वे विरोधी करेंगे प्रस्तुत उदाहरण में जयप्रकाश जी की साफगोई झलकती है।
8 गरीबी हटाओ के नारे जरूर लगते हैं लेकिन गरीबी बढ़ी है
उत्तर:- प्रस्तुत पंक्ति लोकनारायण जय प्रकाश की संपूर्ण क्रांति शीर्षक भाषण के अंश से लिया गया है प्रस्तुत पंक्ति में जयप्रकाश नारायण कहते हैं कि आजादी के बाद जो स्वराज मिला उससे भी खुश नहीं हैं रिश्वत के बगैर जनता का काम नहीं होता है शिक्षण संस्थाएं भ्रष्ट हो गई है नौजवानों का भविष्य अंधेरे में पड़ा है शिक्षा पाकर भी वे दर-दर की ठोकरें खाते हैं नौकरी के लिए भटकते हैं बेरोजगारी बढ़ती जा रही है गरीबी हटाओ के नारे जरूर लगाए जाते हैं परंतु गरीबी पिछले वर्षों से बढ़ी है।