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जनतंत्र का जन्म प्रश्न उत्तर

1 कवि की दृष्टि में समय के रथ का  घर्घर -नाद क्या है स्पष्ट करें? 
उत्तर:- प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ्यपुस्तक गोधूलि भाग 2 से लिया गया जिसके रचयिता रामधारी सिंह दिनकर और पाठ का नाम जनतंत्र का जन्म हैं।
पराधीनता की समाप्ति और स्वाधीनता की प्राप्ति कवि की दृष्टि में समय के रथ का घर्घर -नाद  है अर्थात जनता का समय आया अपना जनतंत्र को कायम करने का।

2 कविता के आरंभ में कवि भारतीय जनता का वर्णन किस रूप में करता है?
उत्तर:- प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ्यपुस्तक गोधूलि भाग 2 से लिया गया जिसके रचयिता रामधारी सिंह दिनकर और पाठ का नाम जनतंत्र का जन्म हैं।
कविता के आरंभ में कवी भारतीय जनता का वर्णन अबोध , मूक मिट्टी की मूरत ,के रूप में किया है जो सब कुछ सहती आ रही है गहन वेदना में भी मुख नहीं खुलती है।

3 कवि के अनुसार किन लोगों की दृष्टि में जनता फूल या दूधमुँही बच्ची की तरह है और क्यों कवि क्या कहकर उसका प्रतिवाद करता है
उत्तर:-प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ्यपुस्तक गोधूलि भाग 2 से लिया गया जिसके रचयिता रामधारी सिंह दिनकर और पाठ का नाम जनतंत्र का जन्म हैं।
कवि के अनुसार राजनायक लोगों की दृष्टि में जन फूल या दूध मुँही बच्ची की तरह है ।
क्योंकि अब तक राजनायक सोचते आ रहे थे कि जनता पर राज का अधिकार होता है
 जब चाहो उससे अपना राजसिंहासन  सजा लो
अथवा दूधमुँही बच्ची की तरह जनता को कुछ देखकर उसका मन। बहलाकर  राज्य का उपभोग कर लो
 जिसका प्रतिवाद कवि ने जनता को भगवान कहकर किया है जो सड़कों पर पत्थर तोड़ते या खेतों में काम करते मिलेंग।

4 कवी जनता के स्वप्न का किस तरह चित्र खींचता है? 
उत्तर:- प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ्यपुस्तक गोधूलि भाग 2 से लिया गया जिसके रचयिता रामधारी सिंह दिनकर और पाठ का नाम जनतंत्र का जन्म हैं।
कवी जनता के स्वप्न का चित्रअजय  जो अंधकार का भी वक्ष स्थल चिर  डालें इस प्रकार उमड़ता हुआ खींचता है।

5 विराट जनतंत्र का स्वरूप क्या है कवि किनके सिर पर मुकुट धरने की बात करता है और क्यों? 
उत्तर:-प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ्यपुस्तक गोधूलि भाग 2 से लिया गया जिसके रचयिता रामधारी सिंह दिनकर और पाठ का नाम जनतंत्र का जन्म हैं।
भारत के विराट जनतंत्र का स्वरूप 33 करोड़ जनता के हित का है कवि 33 करोड़ भारतीय जनता के सिर पर मुकुट धरने की बात करता है क्योंकि जनतंत्र प्रजातंत्र में  प्रजा ही राजा होता है।

6 कवि की दृष्टि में आज का देवता कौन है और वे कहां मिलेगे।

उत्तर:-प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ्यपुस्तक गोधूलि भाग 2 से लिया गया जिसके रचयिता रामधारी सिंह दिनकर और पाठ का नाम जनतंत्र का जन्म हैं।
कवि की दृष्टि में आज का देवता जनता है जो सड़कों पर गिट्टी तोड़ता या खेत खलियान में काम करते हुए मिलेगे।
 
8 सदियों की ठंडी बुझी राख सुग -बुग उठी, मिट्टी सोने का ताज पहन इठलाती है।
उत्तर:- प्रस्तुत पाठ हमारे हिंदी पाठ्यपुस्तक गोधूलि भाग 2 से लिया गया जिसके रचयिता रामधारी सिंह दिनकर और पाठ का नाम जनतंत्र का जन्म हैं।
भारत सदियों के बाद स्वाधीन हुआ 
स्वतंत्रता पाकर जनतंत्र की स्थापना के लिए भारतीय लोग प्रयासरत हैं 
मानो सदियों की ठंडी बुझी राख में आग पुनः सुगबुगा उठी है 
तथा मिट्टी भी सोने की ताज पहनकर इठला रही हो।