एकीकृत शिक्षा:- शिक्षाशास्त्रयों मनोवैज्ञानिकों में इस बात को लेकर मतभेद रहा है कि विशिष्ट बच्चों को शिक्षा विशिष्ट विद्यालय में दी जाए या सामान्यतः विद्यालयों में समान विद्यार्थियों के साथी है।या असमर्थ बच्चों के लिए विशेष विद्यालय की शुरुआत 18 शताब्दी में हुई थी लेकिन मनोवैज्ञानिकों ने यह महसूस किया कि विशिष्ट बच्चों को समान विद्यालय में ही पढ़ाया जाना चाहिए ताकि उनमें हीन भावना ना आए और वह समाज की मुख्यधारा से अलग ना हों।।